Life -3rd
phase
१९८९ में एम .एस. सी. करने के बाद जुलाई १९८९ में गवर्मेंट
पालीटेक्निक में पोस्ट ग्रेजुएट मार्केटिंग & सेल्स मैनेजमेंट में एडमिशन लिया
.इसी साल बी .एड . और को .आपरेटिव
मैनेजमेंट , लखनऊ में एडमिशन हो गया था , इसी साल बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट में रिसर्च के लिए भी सिलेक्शन हुआ
.परन्तु पालीटेक्निक कानपुर में प्रवेश लिया .इसी साल भोपाल म. प्र . – पी .सी. एस
. की परीक्षा देने गए . ईदगाह हिल्स डॉ .
साहब के घर गए. बिरला मंदिर गए , इसी साल बी .एच .यु . वाराणसी ऍम .बी . ए , का पेपर देने गए . वेटिंग
में सिलेक्शन हुआ था .चुनार देवेन्द्र के घर भी गए थे . यहाँ पर गंगा की विशाल
जलधारा में नहाया था .
१९९० में मैनेजमेंट में ७२ % मार्क्स से पास किया था .इस साल मैनेजमेंट
का टूर लाल इमली , पराग मिल्क , एल .एम . एल. स्कूटर की फैक्ट्री में विजिट करने
गए थी .१९९१ के २७ अगस्त को माता जी का कैंसर से निधन हो गया था . इस साल ब्य्फोर्ड
लीजिंग कंपनी में सेल्स रिप्रेजेनटेटीव्
के रूप में पहली नौकरी की . यह नौकरी अशोक
भाई साहब ने लगवाई थी . इसी साल १९९१ मार्च में छोटी बहन की शादी हुए थी. सितम्बर
में एल. टी . में सिलेक्शन होने के कारण नौकरी छोड़ दी थी . इसी समय कंप्यूटर
डिप्लोमा में पोली टेक्निक में भी प्रवेश लिया था . परन्तु एल . टी . के कारण नहीं
किया .इसी साल फिर से बी . एड . में सिलेक्शन हुआ था . लखनऊ में फॉसिल म्यूजियम
बीरबल सहनी इंस्टिट्यूट में देखा था .
१९९२ में एल .टी . का टूर राजस्थान गया था . सबसे पहले मथुरा गए थे .
यहं पर कृष्ण जनम भूमि , पागल बाबा का मंदिर , रघुनाथ मंदिर , इसकाँन टेम्पल , मीरा बाई का मंदिर , रंगनाथ मंदिर गए
थे . जयपुर में हवा महल , कनक वृन्दावन ,
अमर का किला , शिशोदिया रानी का बघिचा ,जंतर मंतर , बिरला टेम्पल , म्यूजियम ,
बालाजी टेम्पल , जयपुर में बीटा फिल्म को राजमहल टॉकीज में देखा . उस समय यह भारत
की टॉप टॉकीज थी . यहाँ पर खुदा गवाह भी देखि . दोनों की सूटिंग जयपुर में हुई थी
.जयपुर में मुजरा भी देखा . जयपुर के बाद नाथ द्वारा गए . वहाँ से पुष्कर नाथ के दर्शन किये ,हल्दी घाटी भी गए
थे . फिर उदयपुर की झील , रना प्रताप सागर स्मारक , सहेलियों की बाड़ी , म्यूजियम
और फ़तेह सागर लेक देखि . वहाँ से फिर अजमेर ख्वाजा की दरगाह के दर्शन किये , लौटते
हुए आगरा का किला और ताज महल गए थे. चेतक स्मारक व्ब्रह्मा टेम्पल भी देखा था .
दयाल बाघ , मुग़ल बगीचा भी देखा .
एल .टी . में ७८ % लेकर टॉप किया था . इसी साल शशि कानपुर आयी . मनु
का अप्रैल में जन्म हुआ था. इसी साल जुलाई में के .एस . इन्टर कॉलेज भौंती ,
कानपुर में ज्वाइन किया था . अगस्त में सरस्वती ज्ञान मंदिर इन्टर कॉलेज , इंदिरा
नगर में ज्वाइन किया था . इसी साल रेलवे भोपाल में यु . डी . सी, में सिलेक्शन हुआ
. पर गए नहीं .६ .१२.९२ को बाबरी कांड के कारण कानपुर में दंगा हुआ . १९९३ में
इंडियन रास्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज में इंटरव्यू देने गए थे . मसूरी हिल्स ,
सहस्त्रधारा , घूमने गए . इसी साल सितम्बर में लखनऊ कॉलेज गेम्स में गए थे .
काल्विन तालुकेद्वार , भूल भूलिया , बड़ा
इमामबाड़ा गए . इसी साल २४.५.९३-२६.५.९३ तक भारतीय शिक्षण मंडल के अधिवेसन में बी .
एन. एस .डी. शिक्षा निकेतन में रहे . राजनाथ सिंह से मुलाकात हुई. यहाँ पर पहला
भाषण दिया . २५.५.९३ को काफी आज़मी से मोतीझील मुसायरा में मुलाकात हुई . इसी साल
०७.०६.९३ -१३.०६.९३ तक लाल बंगला के सरस्वती विद्या मंदिर में आर .एस. एस . के
कैंप में रहे . यहाँ पर शारीरिक में प्रथम रहे . नाटक क्रन्तिकारी का दर्द का मंचन
किया . इसी साल आई .आई . टी . कानपुर में ग्लाइडिंग की .१९९४ में देहरादून के wild
life institute में interview
देने गए . मंसूरी , गुण हिल्स , कम्पटी फाल ,
कंपनी बाग , रोप वे , ॠषिकेश , लक्स्मन झूला , जसपुर बहन के घर गए थे .इसी साल
ज्ञान मंदिर में प्ले स्वामी विवेकानंद का मंचन करवाया था. शांति को पहली बार यहाँ
पर ही देखा था .फिर २५.४.९४ को जे . के . टेम्पल में मुलाकात हुए थी . २७.५ ९४ को
तिलक हुआ था. २३ जून १९९४ को नरूला गेस्ट हाउस में शादी हुई .
जुलाई में हाँनिमून के लिए
निकले . पहले जलियाँ वाला बाग और गोल्डन टेम्पल गए थे . फिर वहाँ से वैष्णो देवी
गए थे . लौटते हुए धरमशाला , कुल्लू- मनाली गए . हिडिम्बा मंदिर के दर्शन किये .
फिर शिमला के मॉल रोड में घुमते रहे . फिर चंडीगढ़ से बस से डेल्ही होते हुए कानपुर
वापस आ गए थे. इसी साल सेप्टेम्बर में गोला गोकर्णनाथ में तीन दिन के सेमिनाँर में
गए थे . भगवान गोकरण नाथ के दर्शन किये थे .इसी साल अगस्त में उ .प्र .
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के इंटरव्यू में
लखनऊ के पिकअप भवन गए . इसी साल ऍम . एड . में प्रवेश लिया था परन्तु शादी के कारण
अधूरा रह गया था. इसी साल जी . आई . सी. में और देल्ही नगर निगम में सिलेक्शन हो
गया था. १४ जुलाई १९९५ को सरस्वती ज्ञान
मंदिर से त्यागपत्र देकर सुल्तानपुरी देल्ही में नगर निगम में ज्वाइन किया . रमेश
गौर के यहाँ तिलक नगर में रुके थे. इसी समय १७ जुलाई १९९५ को कानपुर में मरियामपुर
हॉस्पिटल में आयुष का जनम हुआ .१५.अगस्त १९९५ को जी . आई .सी . अल्मोरह के नाइ में
ज्वाइन करने के लिए गए पर वहाँ जाकर मूड बदल गया वापस डेल्ही आ गए .नांगलोई में
रहने लगे . प्रगति मैदान में बुक फेयर देखने गए नवोदय में इंटरव्यू देने जे.ऍन यु
. गए थे .
१९९६ में तिलक विहार डी .डी. ए. फ्लैट में रहने लगे . सरकारी व्यवस्था
अच्छी थी . इस भरतपुर के किले में पी .सी . एस .(राजस्थान) का पेपर देने गए थे .
आगरा में तोता के ताल में काँटी के यहाँ रुके थे . ताजमहल और आगरा का किला भी
घूमने गए थे .इस साल गाज़ियाबाद में नायब तहसीलदार का पेपर देने गए थे . इस साल
डेल्ही में dinamination show & zoo घूमने गए थे . MCD annual competition में शक्तिनगर में
दर्द नाटक का मंचन किया था.इसी साल रोली ई .उसके साथ जनकपुरी म्यूजिकल फाउंटेन ,
रेड फोर्ट ,लाइट & साउंड शो , प्लेनेटोरियम , अप्पू घर , डॉल्स म्यूजियम , रेलवे
म्यूजियम ,बिरला मंदिर , इंडिया गेट , क़ुतुब मीनार , लोटस टेम्पल , इंदिरा हाउस ,
राज घाट , त्रिमूर्ति भवन , जमा मस्जिद आदि घूमने गए थे . इसी साल रूबी भी घूमने ए
थी . नांगलोई में जीजी भी आई थी . उनके साथ रोहतक गए थे .देल्ही से हीट कोन्वेर्टर , केन सोफे , टीवी , एमरसन राड अदि लिया था. बजाज का मिक्सर भी तिलक नगर से
लिया त५ह.
सितम्बर १९९७ में जी .आई . सी. बेलाताल , महोबा से जोइनिंग लैटर आ गया
था . इसलिए सामान लेकर कानपूर आ गए थे. २३
सितम्बर १९९७ को जैतपुर (बेलाताल ) में ज्वाइन किया था. बेलाताल महल ,धुरा मंदिर
,रेस्ट हाउस और बेलाताल घूमे . अप्रैल १९९८ में जिज्जी के मरने की खबर बेलाताल में
ही आई थी . उस समय आयुष बीमार हो गाय था तब जीतेन्द्र जीजा के यहाँ झाँसी इलाज के
लिए लाये थे. उनसे फेन लिया था. जुलाई १९९८ में नौ गाँव में माकन ले लिया था. २८- अगस्त को अशी का जनम
मरियामपुर , कानपूर में हुआ था. मैं उस समय नौगाँव में था. जन . १९९८ में योगेश ,
डेल्ही के साथ खजुराहो गए थे .इस साल क्षत्रिय राजकुल में पहला आर्टिकल –जैतपुर
प्रिंट हुआ था. फिर इंडिया टुडे सहित कई मैगज़ीन में आर्टिकल प्रिंट हुए थे .नौगाँव
से प्रकाशित –निर्झर पत्रिका के संपादक मंडल में रहे थे. बलभद्र पुस्तकालय में
नाटक – पागल का दर्द किया था .नव भारत पेपर ,भोपाल में स्वर्ण मंदिर पर आलेख
प्रकाशित हुआ था .रु. १०० मनी आर्डर से प्राप्त हुए थे .इस साल कूलर ,सूट केस
,लिया था . ०१ जनुअरी १९९९ को घर में कवि सम्मलेन
करवाया था. महावीर जयंती के कवि सम्मलेन में मुझे सम्मानित किया गया था. राजकीय उ
.मा. वि . नौगाँव द्वारा भी सम्मानित किया गया था. इस साल खजुराहो के
मंदिर(निर्झर) ,महोबा(दर्शाण के स्वर) , बुढ़ा
बरगद ( जुझारू कलम ) पत्रिका में प्रकाशित हुए थी. यहाँ पर अरविन्द आश्रम ,
धुबेला म्यूजियम , छत्रसाल का मकबरा , रानी कमलावती का मकबरा ,खजुराहो कई बार
घूमने गए .जैतपुर स्टाफ खजुराहो , पन्ना और पांडव फाल्स घूमने गया था. १९९९ में
खजुराहो में जापानी टूरिस्ट ने अाशी की फोटो लेकर जापान से भिजवाई थी .इस साल
नौगाँव (एम . पी.) से कलर टी.व़ी . और कूलर लिया. ३० जून को मेरा ट्रान्सफर सकरार
झाँसी हो गया था.